पूरे दिन की मेहनत
और बेबसी
आंखों में जिम्मेदारियां समेटे हुए
भविष्य को संजोते
अपने नौनिहालों की आंखों में
खुद के वजूद को हर पल[..]
7 अगस्त , 2023
7 अगस्त , 2023
पूरे दिन की मेहनत
और बेबसी
आंखों में जिम्मेदारियां समेटे हुए
भविष्य को संजोते
अपने नौनिहालों की आंखों में
खुद के वजूद को हर पल[..]
18 जुलाई , 2023
नहीं टूटा है हौसला मेरा
नहीं छूटा है आत्मविश्ववास मेरा
ढूंढ लेते हैं मंजिल का पता हम
अपनी नाकामयाबियों में
चाहे हों घनघोर[..]
12 जुलाई , 2023
मुश्किलों के भंवर से
निकलना आसान नहीं होता
पर जो हारे न हिम्मत
मंजिल से पहले आराम नही होता
परिस्थितियों के सामने जो झुकता नहीं[..]
12 जुलाई , 2023
ले मिट्टी की सौंधी सी खुशबू
तरूवर की शीतल छांव लिए
मन में उल्लास की प्रीत संजोए
चल निजता में प्रभुता का भाव लिए
देख[..]
1 जुलाई , 2023
धुरी हूं
अभिलाषाओं की तीलियां समेटे हुए
घूमती रहती हूं निरंतर
तानों का घर्षण सहते हुए
टूटती नहीं
थकती नही
बिखरती नही
उसे पता है
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27 जून , 2023
हालातों को दरकिनार कर
हौसलों से बात कर
मंजिल ऐसे ही नही मिलती
धैर्य से अपनी हार भी स्वीकार कर
नकारात्मक होंगी परिस्थितियां
पर खुद[..]
21 जून , 2023
दिल की गहराइयों में कितनी खामोशी है
ये मचलते मन की लहरों से अंदाजा न होगा
होंठों की मुस्कुराहट कितनी सच्ची है
ये तो गुजरती[..]
18 जून , 2023
मन की लहरों में यों तो तूफान बहुत थे
पर खामोशी के किनारे उन्हें रोकते रहे
जज्बातों के समुंदर काफी गहरे थे
डूब न जाऊं[..]
13 जून , 2023
सूरज की तपन ने एक दिन हवा से पूंछा
मानव की बेरुखी तू झुलसने क्यों नही देती
इनकी उपेक्षाओं को भुलाती क्यों है
क्यों इनसे[..]
8 जून , 2023
#खामोशी में खुद को ढूंढते रहे
सवालों के जवाब पूंछते रहे
किसकी तलाश है मुझे
किसकी आस है मुझे
सफर की रहगुजर क्या है
मंजिल[..]